A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
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Yama, Kubera plus the guardians on the 4 quarters; poets and Students – none can Specific Your glory.
भावार्थ – भगवान् श्री रामचन्द्र जी के द्वार के रखवाले (द्वारपाल) आप ही हैं। आपकी आज्ञा के बिना उनके दरबार में किसी का प्रवेश नहीं हो सकता (अर्थात् भगवान् राम की कृपा और भक्ति प्राप्त करने के लिये आपकी कृपा बहुत आवश्यक है) ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥ साधु सन्त के तुम रखवारे ।
[23] Lutgendorf writes, "The afterwards identification of Hanuman as one of several eleven rudras may perhaps reflect a Shaiva sectarian assert on an increasing well known god, Additionally, it implies his kinship with, and that's why possible control around, a class of great and ambivalent deities". Lutgendorf also writes, "Other abilities in Hanuman's resume also manage to derive partly from his windy patrimony, reflecting Vayu's part in both system and cosmos".[twelve] As outlined by an evaluation by Lutgendorf, some Students condition which the earliest Hanuman murtis appeared during the 8th century, but verifiable evidence of Hanuman images and inscriptions look inside the 10th century in Indian monasteries in central and north India.[108]
व्याख्या – श्री हनुमान जी की चतुर्दिक प्रशंसा हजारों मुखों से होती रहे ऐसा कहते हुए भगवान् श्री राम जी ने श्री हनुमान जी को कण्ठ से लगा लिया।
भावार्थ – श्री गुरुदेव के चरण–कमलों की धूलि से अपने मनरूपी दर्पण को निर्मल करके मैं श्री रघुवर के उस सुन्दर यश का वर्णन करता हूँ जो चारों फल (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) को प्रदान करने वाला है।
पवनदीप राजन द्वारा गाया हनुमान चालीसा
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी । धन माया के तुम अधिकारी ॥ तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।..
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥ और देवता चित्त न धरई ।
भावार्थ – आप सारी विद्याओं से सम्पन्न, गुणवान् और अत्यन्त चतुर हैं। आप भगवान् श्री राम का कार्य (संसार के कल्याण का कार्य) पूर्ण करनेके लिये तत्पर (उत्सुक) रहते हैं।
Many people preserve a partial or full speedy on both of those two times and don't forget Hanuman and the theology he signifies to them.[109]
“Lord Rama is the king of all, he will be the king of yogis. He whoever will take refuge in Lord hanuman chalisa Rama you may deal with all their duties.”
यहाँ हनुमान जी के स्वरूप की तुलना सागर से की गयी। सागर की दो विशेषताएँ हैं – एक तो सागर से भण्डार का तात्पर्य है और दूसरा सभी वस्तुओं की उसमें परिसमाप्ति होती है। श्री हनुमन्तलाल जी भी ज्ञान के भण्डार हैं और इनमें समस्त गुण समाहित हैं। किसी विशिष्ट व्यक्ति का ही जय–जयकार किया जाता है। श्री हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य, सकल गुणों के निधान तथा तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाले हैं, अतः यहाँ उनका जय–जयकार किया गया है।
Hanuman's exploits tend to be celebrated in many different spiritual and cultural traditions,[23] specially in Hinduism, to the extent that he is typically the item of worship In keeping with some bhakti traditions,[24] and it is the primary deity in several temples called Hanuman Mandirs.